किसी रूद्धोष्म प्रक्रम में एक गैस का दाब उसके ताप के घन (क्यूब) के समानुपाती पाया जाता है, तो इस गैस के $\frac{C_{p}}{C_{v}}$ का अनुपात है
$2$
$1.67$
$1.5$
$1.33$
द्वि-परमाणविक गैस $(\gamma = 7/5)$ का दाब और घनत्व रुद्धोष्म तरीके से $(P, d)$ से $(P', d')$ किया जाता है। यदि d$\frac{{d'}}{d} = 32$ है, तो $\frac{{P'}}{P}$ होना चाहिये
एक बहुपरमाण्विक गैस $\left( {\gamma \, = \frac{4}{3}} \right)$ का आयतन रुद्धोष्म प्रक्रिया से संपीडित कर मूल आयतन का $\frac{1}{8}$ गुना कर दिया जाता है। यदि गैस का मूल दाब ${P_o}$ हो, तो उसका नया दाब होगा
किसी एक परमाणिवक गैस का दाब $p$ और आयतन $V$ है। इसमें पहले समतापीय रूप से $2\, V$ आयतन तक और फिर रूद्धोष्म रूप से $16\, V$ आयतन तक प्रसार होता है। यदि $\gamma=\frac{5}{3}$ हो तो , गैस का अन्तिम दाब होगा
$27°C$ पर हीलियम का आयतन $8$ लीटर है। अचानक दबाकर इसका आयतन $1$ लीटर कर दिया जाता है। इस गैस का ताप ....... $^oC$ होगा $[\gamma = 5/3]$
एक गैस की रुद्धोष्म प्रत्यास्थता का गुणांक $2.1 \times {10^5}N/{m^2}$ है। समतापीय प्रत्यास्थता गुणांक होगा $\left( {\frac{{{C_p}}}{{{C_v}}} = 1.4} \right)$